धनतेरस पर ये करने से होता है पैसे का लाभ


दोस्तों जैसे कि आपको पता होगा कि हमारे धनतेरस का त्योहार आज है तो और इस त्यौहार पर कैसे हम घर पर रहकर मेहनत करके किस तरीके से अपने घर में क्या करें कि लाखरुपए उसके लिए बहुत ही आसान तरीका आपको करना कुछ नहीं है बस देखिए दोस्तों बात ऐसी है कि जो आज एक ऐसा मुहूर्त बनने वाला है जो लाखों सालों में या कहें तो हजारों सालों में एक बार आता हैतो इस बार का जो अच्छा और शुभ मुहूर्त बना है वह 12 बजे की भाषण की12:41 से1:29 तक रहेगा तो यह वाक्य में ही बहुत ही अच्छा दिन है बहुत ही अच्छा मुहूर्त है आपको इस दिन क्या करना है चावल का दिन के लिए कीउसके साथ कुछ अपने वस्तुओं में चांदी सोना को रखें अपने मंदिर में रखी पूजा पाठ कर सकते हैं इस दिन बहुत लोग जाना चाहते हैं कि देवी देवताओं की पूजा करी जाती है देखिए जैसे कि आपको पता है धनतेरस यानी कि धान का वास सुनना है तो धनतेरस में लक्ष्मी जी गणेश जी की पूजा करी जाती है आप पूजा करने के बाद उनकी आरती कर सकते हैं तो गणेश जी और लक्ष्मी जी की आरती कुछ इस प्रकार है


गणेश जी की आरती


गणेश जी की आरती हिंदी में:

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा। 
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

एक दंत दयावंत, चार भुजाधारी। 
माथे पर तिलक सोहे, मूसे की सवारी॥

मुसजे को बदनु वंदना, सर्वकारण कारण। 
वन्दे तारक ब्रह्महु, कारण कारण॥

अग्रे वहाने रक्षोगणधारी। 
सुरवर वन्दनि सुवन निवारी॥

चंदन मृगमद सोहे, मोती हे को माला। 
भक्तजनने भाल चंदन चढ़ाया॥

लक्ष्मी जी की आरती, जो कोई नर गावे। 
कहत शिवानंद स्वामी, सुख संपत्ति पावे॥

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा। 
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

गणपति बाप्पा मोरया!


लक्ष्मी जी की आरती हिंदी में:


जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥

ब्रह्माणी, रुद्राणी, कमला तू ही ही,
वाणी, विद्या, दाता, तुमा ही ही।

हरि अनंत हरि कथा, अनंत कथा भावा।
भविष्य कथा श्रुति मन राही।

प्रभु चरणों में स्वागत, जिने ध्यान लगाया।
मैया जय लक्ष्मी माता।

जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥

उद्योगिनी, विद्यादायिनी, समस्त जगताम्।
तुमा ही जग की माता, तुमा ही हो भावना।

विश्व में तुम्ही हो लक्ष्मी, भगवती ही संताना।
संताना गोपबालकी, तुम ही सेवती जगदम्बा।

मैया जय लक्ष्मी माता।

जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता। 
तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥

ब्रह्म, विष्णु, महेश त्रिरूप तुम्हारा। 
त्रिकाल जगत्मात्रिनी जगदम्बा तुम्हारा।

जग का अर्थ तुम ही हो, भविष्य, वर्तमान, भूत कला की शक्ति तुम्हारा। 
जय जय श्री लक्ष्मी माता, जय जय श्री लक्ष्मी माता।

मैया जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता। 
तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥

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