Electric Car Biggest Battaries Problem EV- Electric Vehicle
वेलकम कैसे आप लोग समाज आज दोस्तों, हम एक बहुत सारे सवाल आज ए जाते हैं की यार मैं गाड़ी जब लेने जाऊं तो आखिर मैं क्या खरीदूं. पेट्रोल है, डीजल है, इलेक्ट्रिक है, सीएनजी है, हाइब्रिड है, आई मीन, आईोंटो इतने सारे ऑप्शंस हमारे पास मार्किट में है. तो आज के इस वीडियो में हम बात करने वाले हैं इलेक्ट्रिक कास्ट पे स्पेसिफिकली और आगे एन कर एक्सपर्ट में आपके सारे डाउट जो है उनको पुरी तरह क्लेरिफाई करने की. आज कोशिश करने वाला हूं. सो.आज हमारा टॉपिक ऑफ डिस्कशन है इलेक्ट्रिक कार की बैटरी डेट इट और कुछ नहीं हम और कुछ बात नहीं करने वाले यहां पे क्योंकि इलेक्ट्रिक कर बैटरी पे हमारे मैक्सिमम डाउट्स आते हैं राइट सो ये वीडियो सिर्फ इसी को डेडीकेटेड है जहां पे हम आपके जो डाउट्स हैं उनको पुरी तरह क्लेरिफाई करने की कोशिश करें और आपको ये पता है की आपके लिए इलेक्ट्रिक कर लेनी चाहिए या नहीं. अब मैं यहां पे नहीं बोल रहा हूं की पेट्रोल कैसी है, डीजल कैसी हाइब्रिड कैसी है यह वीडियो में मैं जो इलेक्ट्रिक कार पर जंटरली डाउट से स्पेसिफिकली बैटरी पर उसी के लिए ये वीडियो आपको व के लिए दिन बना रहा हूं. तो मैं बहुत ही सिंपल भाष में आपको सारी ची एक्सप्लेन करने वाला जिस आप कर तरह क्लरिटी मिल जाएगी और साथ ही में.
अगर आपको जानना चाहते हो कि इलेक्ट्रिक आपको दौ हज़ार तेईस में लेनी चाहिए नहीं. मैंने एक वीडियो आपके लिए ऑलरेडी डिटेल बनाया हुआ है. उसकी लिंक में आई बट. बिना समय बर्बाद किए लेट.
तो अब यह वीडियो में हम बात करने वाले इलेक्ट्रिकस के बारे में स्पेसिफिकली के ओवरऑल कैसी है? क्या है एंड ये एग्जैक्ट तू वीडियो डेडीकेटेड है जस्ट तू इलेक्ट्रिक कर बैटरीज.
आई नो आप में से काफी लोग बहुत सवाल पूछ रहे हो हमने लास्ट टाइम जो वीडियो आपके लिए बनाया था जहां पे हमने बोला था की आपको इलेक्ट्रिक करर्ड दौ हज़ार तेईस में लेनी चाहिए. नहीं उसका शॉर्ट ऑफप एक फॉलोअप वीडियो क्योंकि बैटरीज पे हमने देखा बहुत लोगों के सवाल ए रहे थे एंड कहीं ना कहीं काफी हद तक सवाल सही नहीं द दे. आर मोर लाइक मिट बट ये वीडियो में हम आपको कंपलीटली एजुकेट करेंगे. अब इलेक्ट कार बैटरी औरंड हमने एक पुरी सीरीज बना दी है जहां पे हम बोल रहे हैं जिसको को इलेक्ट्रिक.
जिसमें हम आपके इलेक्ट्रिक कर पे सारे डाउट्स सेरिफाई करेंगे, उननर से बातें करेंगे, विलन कवर डिटेल इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी के बारे में बात करेंगे तो ये वीडियो डेडीकेटेड इलेक्ट्र कर बैटरी अब दो प्रकार के इलेक्ट्रिक करर बैटरी से पहला आता है एफपी और दूसरा आता है मसी का full फॉर्म क्या है.
लिथियम आयन फेट और वहीं पर एसी का फुल फॉर्म स्टैंड फॉर लिथियम निकलिल मैंंगनी कोबाल ऑक्साइड एक बार फिर से का रहा हूं. ध्यान से सुनो. इसका नाम है एलफपी स्टैंडिंग पर लिथियम आयन फास्फेट और एसी का फूल फॉर्म है लिथियम निकलिल मैंंगनीकोबा्ट ऑक्साइड. अब ये नाम याद रखने की जरूर नहीं, आपको सिर्फ शॉर्ट फॉर्म याद रखने की जरूरत है. अब एलएफपी. अगर आप देखते हो तो कौन-कौन से ऑटोम मेक जैसे इस्तेमाल करते हैं, टाटा मोटर्स उसे करता है फॉक्सवैगन पूरा ग्रुप इसे इस्तेमाल करता है. साथ ही में बडी भी से इस्तेमाल करता है तो काफी सारे ऑटोमक ए टेक्नोलॉजी बैटरी का इस्तेमाल करते हैं एंड वहीं पे एनएमसी. अगर आप देखते हो तो ये इस्तेमाल किया जाता है मर्सिडीज़ बेंज बीएम.
वोल. वो तो काफी परफॉर्मेंस ओरिएंटेड ब्रांड इसे उसे करते हैं हंडई.
किया ये सारे ब्रांड एनएमक का इस्तेमाल करते हैं.
कुछ ऐसे ब्रांड जो दोनों इस्तेमाल करते हैं या कभी कुछ इस्तेमाल करते कभी कुछ इस्तेमाल करते हैं. फॉर एग्जांपल अगर हमारे सामने जो गाड़ी खड़ी है. एमजी की जेएस ए ये दौ हज़ार बीस में इंडिया में लॉन्च हुई थी बट वो लॉन्च हुई थी एनएमसी बैटरी के साथ.
अब ये आती है एलएफसी बैटरी के साथ.
वहीं पे अगर आप टेस्ला को देखते हो या एवं महिंद्रा को देखते हो ये लोग दोनों टेक्नोलॉजीका इस्तेमाल कर रहे हैं जैसे टेस्ला अपनी मेजर्ली हाई एंड काज में उसे करता है एनएमसी और जो उनकी स्टैंडर्ड रेंज वाली गाड़ी है उसमें एलएफपी उसे करता है वहीं पे महिंद्र की यूवी. चार. अगर आप देखते हो तो इसमें आपको एनएमसी बैटरीज आते हैं पर क्योंकि अब उनकी जो नेक्स्ट गाड़ियां ए रही है इलेक्ट्रिक वाली उसमें उन्होंने व्लू ग्रुप से टाइप किया. व्लू ग्रुप तो एलएफबी उसे करता है सो इन डेट केस उनको एलएफपी बैटरीज वहां मिलने वाली है. तो ऐसे नहीं की ये बैटरी से ये ये गलत है. सारे ब्रांड अपने हिसाब से बैटरी पैैग उसे करते हैं और उसे अपने लिए यू नो एफिशिएंट बनाते हैं ताकि जो लोग उस गाड़ी को चलाएं.
उनके लिए वो ज्यादा बेनिफिशियल हो अकॉर्डिंग तू दिया पोटेंशियल अब सबसे पहले हम बात करते हैं एडवांटेज क्या है, सिंपल.सबसे पहला इसका पॉइंट ये है की आपको एनएमसी में ज्यादा पावर होल्डिंग कैपेसिटी है.
आपको मैं एक्सप्लेन करने वाला हूं. क्या का रहा हूं मैं अब मैन लो आप एक नॉर्मल पेंसिल सेल खरीदते हैं और दूसरा आप ड्यूरा सेल का पेंसिल सेल खरीदते हैं. सो ड्यूरेसेल क्या कहते हैं लास्ट लॉन्ग रियली लॉन्ग. सो उनका फंडामेंटल यह है कि हमारा जो बैटरी है वह महंगा है क्योंकि उसमें चार्ज ज्यादा होल्ड करने की कैसिटी है उसकीॉर्ट. अगर आपल की लाइ ज्यादा चल म उसका जो बैटरी चार्ज है वो ज्यादा है सो वैसे ही एनएमसी ज्यादा चार्ज होल्ड कर सकता हैंपेयर मैन लो अगर आपका दस किलो वट की बैटरी पैक है दें इन डेट केस एनएमक की बैटरी साइज छो के आपको ज्यादा जगह नहीं देनी पड़ेगी. गाड़ी में फॉर डी बैटरी पैक.
यानी की आप ज्यादा स्पेस में से यूटिलाइज कर सकते हो बूट स्पेस बड़ी हो सकती है आपकी एंड लॉट मोथिंग मतलब आपका गाड़ी का यूटिलाइजेशन अगर आपको कुछ और डालना है गाड़ी में आपके पास उसके लिए स्पेस ज्यादा रहता है वेयर इस एलएफ पी में आपका थोड़ा कंप्रोमाइज ये हो जाता है की आपको यू नो स्पेस थोड़ी ज्यादा डेडीकेट करनी पड़ती है फॉर इट अब दोनों केसेस में टेक्नोलॉजी में डेेटली इंप्रूवमेंट्स आते रहे हैं जहां प एक बैटरी को और डेंसर बनाया जा रहा है. में काफी सारे ब्रांड अलग-लग टेक्नोलॉजी करें कोई ब्लेड को कोई कुछ और जिससे वो एलएफपी बैट इस को भी ज्यादा कंपैक्ट बना दिया जाए सो ओवरऑल काफी कम यहां पे हो चुका है.
आते डी से टाइम सेकंड एडवांटेज एनएमसी का ये आता है की उसका पावर डिस्चार्ज बहुत तेज देते हो. अगर आपको हाई परफॉर्मेंस गाड़ी चाहिए.
वहां पे आपको एक जनरली ज्यादा प्रेफर राहत है इसी वजह से आप देखोगे की बहुत सारी गाड़ियों में आपको एएमसी बैटरी पैक्स आते हैं जो ज्यादा परफॉर्मेंस ओरिएंटेड रहती है एंड तीसरा एडवांटेज एनएमसी का ये भी ए जाता है की वो लोड टेंपरेचर्स पे बहुत बेहतरीन कम करती है कंपेयर तू एंड एलफ. अब अगर हम एडवांटेज करें एलफ बैटरी की तो सबसे नंबर वैन इंपॉर्टेंट पॉइंट आता है उसके चार साइकिल्स अब ये चार साइकिल क्या होता है, अब मैन लीजिए आपकी गाड़ी है, आप गाड़ी चला रहे हैं एक सौ प्रतिशत पे बैटरी है, आपकी गाड़ी पाँच दस प्रतिशत पे ए गई, आपने उसको वापस पुरी तरह चार्ज किया एक सौसे पे दिस इस कॉल्ड वन चार्ट साइकिल.
ठीक है अब इस केस में आपको एलएफपी में लगभग दौ दशमलव पाँच से तीन हज़ार चार साइकिल मिलते हैं।. M में आपकोिल.
तो यहां पर आपकी बैटरी की लाइफ ज्यादा बढ़ जाती है क्योंकि आपके पास ज्यादा यूो आप गेटर, चार साइकिल सेकंड पॉइंट ये आता है किफ की जो केमिकल स्टेबिलिटी है वो एसी से ज्यादा बटर है यानी की उसका जो केमिकल रिएक्शंस होते हैं वो ज्यादा स्टेबल राहत है. कंपेयर तू एन एनएमसी. तो अभी हम बात करेंगे ऑफ डी नेगेटिव जो लोगों को लगता है क्या ये वाकई में नेगेटिव पॉइंट्स है या ये गलतफहमियां हैं इनको हम आज पुरी तरह क्लेरिफाई करने वाले तो सबसे पहला नेगेटिव पॉइंट. ये लोगों को लगता है की यार इलेक्ट्रिक कर की बैटरी ना मतलब.
सही नहीं अभी तो बहुत पुरानी हो गई है अब वो वालीोॉ. वोगी वो बटोर रहेगी या वो वाली बटोर रहे बहुत सा की बात. अगर कोई टेक्नोलॉजी डेवेलप हुई है जब तक वो प्रोडक्शन में आए उसको तीन से पंच साल छह साल मिनिमम जाता है. फॉर आट ए दी प्रक्रिया तू हैपन क्योंकि पूरा एक सप्लाई चैन बनाना पड़ता है राइट. ये मटेरियल यहां से आएगा. यहां मैन्युफैक्चर होगा. ऐसा होगा, ये होगा. फिर इसके बाद गाड़ी टेस्ट होगी, फिर गाड़ी लॉन्च होगी तो पाँचंच से छह साल तो मिनिमम उसे प्रक्रिया में चले ही जाते.
पर आज जो दो टेक्नो एनलएसपी दोनों बहुत जबरदस्त है. काफी लोग मेरे को ये का रहे थे की एएमसी की टेक्नोलॉजी काफी पुरानी हो गई है. आउटडेटेड है ट्र यार अगर आप एनएमसी देखते हो, आज.
अगर दुनिया में एक सौ गाड़ियां बिकती है इलेक्ट्र का की उसमें से इटली साठ प्रतिशत जो गाड़ियां हैं वोएमसी ही है. और ऐसे एनफपी पे जा रहे हैं या बंद कर रहे हैं. एनक का यूज ऐसा नहीं है जो एनसी के यूजर्स हैं वो एनसी ही उसे करते जा रहे हैं और एनएमसी पे ही और नई गाड़ियां बनती जा रही है. कोई- कोईई ऑटोमेटल जो एलएफपी उसे कर रहे हैं वो एलएफपी ही उसे कर रहे हैं. सो.
ऐसे नहीं की ये सही है वो गलत है क्योंकि क्योंकि कोई गाड़ियों में तो आपको दोनों टेक्नोलॉजी की ऑप्शन कोई ऑटो ब्रांड में. अब जैसे टेस्ट आपने लोअर एंड पे एलएफपी दे रहा है, हायर पे एनएमसी ही दे रहा है सो देस नथिंग रोंग मैं नहीं बोल रहा की ये सही है या वो गलत है. मैं बोल रहा हूं दोनों टेक्नोलॉजी अपनी जगह पे सही है. तो जिन लोगों का ये ओपिनियन है की यार एलएफपी बेहतर है या एmसी बेहतर है.
दोनों के अपने अपनेने प्रोस कन हैं और दोनों सूटेबल है. फॉर इंडियन कंडीशंस अलसो सेकंड पॉइंट जो ए जाता है की इलेक्ट्रिक का ना बहुत आसानी से आग पकड़ लेती है. हमने न्यूज़ में सुना, हमने देखा है ऐसा होता है अब लेट मी ब्रेक डाउनम फैक्ट्स.
देखिए जो पेट्रोल गाड़ी आती है उसमें कंबर्शन होता है् स्पार्क प्ल्लग वगैरा उसे होता है तो उसका टेंपरेचर ना आठ सौ से एक हजार डिग्री तक जाता है.
बट हम एक चीज उसे करते हैं टेक्नोलॉजी विच इस कॉल्ड कूलिंग तो इस वजह से आपका गाड़ी का एक्चुअल रनिंग टेंपरेचर जो दौ सौ के नीचे रहहत है अब मां लो आप. अगर एक हज़ार डिग्री सेंटीग्रेड तक आपकी गाड़ी जाति है उसको आप दौ सौ के नीचे लाते हो जस्ट ब कलिंग ये इेक्ट्रस में क्या होता है.
कहीं कंपर्शन होता है कहींनी पेट्रोल डालते हो. बिल्कुल नहीं यार. बैटरी पैक है जो मोटर है उसके साथ चलती है आतेदमस्ट. जब आप गाड़ी को फास्ट चार्ज करते हो तब उसके सेल्स हीट अप होते हैं. मेज ली ए डेट इस वेेर बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम कम्स इन पिक्चर क्योंकि वहां पे आपके पास कलेंट भी रहता है. इसमें तू कल बट बैक. वैसे जस्ट फॉ योर अंडरस्टैंडिंग थर्मल.
कहते हैं फॉर कैचिंग फायर ऑफ इलेक्ट्रिकिकस्ट. तो अगर आप एएमसी का देखते वो दौ सौ दस डिग्री सेल्सियस है और जो एलएफपी दौ सौ सत्तर है बट ये टेंपरेचर्स अटेंड करना काफी मुश्किल हो जाता है क्योंकि आपकी गाड़ी की कॉूलिंग जो है वो उसे जनरली अवॉइड करती है. मैं इंटरेस्टिंग शेयर करना चाहता हूं उस में एक ऑटो इंश्योरेंस साइट है कॉल्ड ऑटो इंश्योरेंस इजी. उन्होंने एकक्स निकाला जो उस में सारे एक्सीडेंट मेजर होते की ये एक हुआ. यहां ये गाड़ी में आ लगी उससे उन्होंने ये चीज कनक्लूड कर पे है की हर एक लाख इलेक्ट्र जो है उसमें से केवल पच्चीस गाड़ियां आग पकड़ती है. वहीं पर जब एक लाख पेट्रोल आसकास बिकती है तब.
उनका नंबर यह होता है. जी हां, ऑलमोस्ट एक हज़ार पाँच सौ पर एवरी एक लाख.
आते डी से टाइम हर एक हाइब्रिड गाड़ियां जो बिकती है उसमें से लगभग तीन दशमलवे पाँच गाड़ियां आ पती है टेक्निक यहां प हाइब्रिड गाड़ियों को ज्यादा आग पड़कती है एंड सबसे मिनिमम जो है इलेक्ट्रिक कास में आग लगती है. अब देखिए मैं आपको बताता हूं क्या होता है काफी टाइम हम न्यूज़ में सुनते की ये इलेक्ट्रिक कर में आग लग गई. ये इलेक्ट्रिक कर में आज ग गई ये इलेक्ट्रिक तू व्हीलर में आज ग गई. अब यहां पे मैं बहुत सिंपल हाईलाइट आपको बताना चाहता हूं आप एक बार सर्च करो पेट्रोल गाड़ियों में कितनी आज लगती है, पेट्रोल मोटरसाइकिल्स में कितनी आग लगती है यू विल बी शॉक की ऑलमोस्ट हर रोज एक पेट्रोल कर.
या मोटरसाइकिल में आग लगती है बट उस पर इतना इंपॉर्टेंट कवर जाता है क्योंकि इलेक्ट्रिक कर इलेक्ट्रिक टेक्नोलॉजी नहीं है. इस पे बहुत ज्यादा लाइम लाइट दल दिया गया है. की हान ये आग पकड़ी ये देखो ये ऐसा हुआ इसमें सो ये एक इंपॉर्टेंट पॉइंट आपके लिए हाईलाइट करना चाहता हूं की यार देखो पेट्रोल गाड़ियों में आपका कंबर्शन होता है. अब मैं नहीं का रहा हूं की पेट्रोल टेक्नोलॉजी अच्छी नहीं है. मत खरीदो बट ऑल ए ट्राइम तू से. मैं आपके साथ सिर्फ सच्चाई यहां शेयर करने आया हूं. इस वीडियो में नेक्स्ट पॉइंट जो मेरे हिसाब से थोड़ा फनी है, इस डीफ की तीन से प साल बाद ना.
आपको अपनी गाड़ी डिस्पोज करनी पड़ेगी क्योंकि उसकी बैटरी खराब हो जाती है. आई मीन कहां से आए हो ये कंक्लुजन पे मुझे भी बताओ. क्या आपने गाड़ी चलाई आपके साथ? ऐसा हुआ आपने इंसिडेंट हुआ आपके साथ जो बता रहे हो या आप मोबाइल फोन को कंसीडर करेंगे लैपटॉप को कंसीडर करके बता रहे हो. प्लीज तेल मी ऑ असली क्योंकि यह फैक्ट सही बिल्कुल नहीं है.
अब देखिए यहां पर मैं आपके साथ एक सिंपल एनालिसिस देता हूं. ठीक है, एफ तीन हज़ार चार साइकिल आते हैं, एनसी में एक चार साइकिल आते हैं. ठीक है, एक हज़ार पाँच सौ आते. अब हम ये तीनों गाड़ियों को देखते हैं. लेकिन इसको मोस्ट स्पेसििक क्योंकि इसको तीन सौ किलोमीटर का रियल लाइफ रेंज है. ठीक है. अब अगर ये एक सौ चार साइकिल चलती है एक हज़ार पाँच सौ तीन सौ. अगर आप देखते हैं चार लाख किमीटर होते जिससे पहले य बैटरी गोज वेस.
मतलब टेक्निकल तो उसके बाद एक्चुअल डिग्रेडेशन चालू होता है. लेकिन मैं आपके पॉइंट से बात कर रहा हूं. चार दशमलव पाँच लाख किलोमीटर के बाद आपकी गाड़ी की बैटरी आप मैं लीजिए नहीं चलेगी. आप में से लोग मुझे जो भी वीडियो देख रहे हैं, मुझे बताइए कितने लोगों ने कोई भी गाड़ी चाहे पेट्रोल हो, डीजल हो, सीएनजी हो, चार दशमलव पाँच किमी चलाई है दस में से शायद एक होगा. यह में से.
किलोमीटर हम गा वैसे से भी नहीं चलते. अब अगर आप बोलोगे नहीं नहीं मैं ज्यादा चलाता नहीं हूं लेकिन फिर भी कुछ सालों में मेरी बैटरी खराब हो जाएगी. सुन चुनाव लेट सांसदंसर दैटॉइंट अब यहां पे आप दिन में एक सौ किलोमीटर चलते हो, पचास बिस ठीकर्ज करोगे. इसका मतलब यह है कि हर तीस दिन कर.
पूरे.
साल में आप एक सौ बीस बार गाड़ीर्ज करने वाले हो,
यानी कि अगर मैं आपको एक हज़ार पाँच सौ डिवाइड में एक सौ बीस करूं यानी की आपकी बैटरी लाइफ कम से कम बारह साल के ऊपर जाएगी.
अब आप बताओ आपने कितने सालों से गाडी रखी है. अब चल आप मुझे बताओ आप एक सौ नहीं पचास चलते हो. आप का रहे हो ना तो आप हर छह दिन में गाड़ी चार्ज करोगे. यानी की आपकी बैटरी लाइफ बारह की जगह चौबीस साल हो जाएगी. अब हम एनसी बैटरीज के बारे में बात हैं. टेस्ला में भी आपको एक बैटरीज आती है. अब टेस्ला की एक मॉडल ओनर ने अपनी गाड़ी को ऑलरेडी सोलह लाख किोमीटर चला लिया जिसमें से उसकी ओरिजिनल सेट ऑफ बैटरी जो है बारह लाख किमीटर तक चलीए है.
आपकी कोई भी गाड़ी बारह लाख किमी तक चली है इंजन की बात करूं पेट्रोल डीजल आपने सोचा की आप गाड़ी बारह लाख किमी चलाओगे और ये बारह लाख किमी तक आपकी टेस्ला की ओरिजिनल बैटरीज चली. हैरेबिलिटी एंड स्ट्रेंथ के आपको इसके बारे में चिंता करने की जरूरत ही.
नहीं है अब काफी लोग ये भी पूछते हैं की इंश्योरेंस जो है नहीं मिलता. हमको अगर गाड़ी का एक्सीडेंट हो जाएगा ऐसे कुछ-कुछ लोगों के कमेंट्स भी आए. द. हमें जब हमने लास्ट टाइम वीडियो बनाया था तो उसके लिए हमने रिसर्च की. हमने इंश्योरेंस कंपनी से भी स्ट्रेटअप बात किया. काफी से सबसे नहीं कर पाना पॉसिबल है लेकिन हमने मेजॉरिटी काफी इंश्योरेंस कंपनी से बातें की है. यहां पे उन्होंने.
हमें एक चीज सिंपल कहा की रक्षित देखो अगर.
हम इलेक्ट्रिक कर इंश्योर कर रहे हैं तो उसमें बैटरी पैक और मोटर कैसे नहीं इंश्योर होगा. राइट बट इ डिपेंड ऑन कंडीशन तू कंडीशन. मतलब हर चीज पे तो आपको इंश्योरेंस नहीं मिलता. वसे हमारे भी हर चीज पे टर्म्स एंड कंडीशंस होते हैं एंड कोई कोई लोग आपको बैटरी पैक पे कुछ एक्स्ट्रा पैक देते हैं. मतलब यू नो ये लो तो आपको इंश्योरेंस एक्स्ट्रा मिलेगा ये वगैरा. सो सबके अलग-अलग टर्म्स एंड कंडीशंस होते हैं. तू बी वेरी ऑनेस्ट मेक इंश्योरेंस एक्सपर्ट नहीं हूं. आई एम अन कर एक्सपर्ट. और मैं यहां पे आपको बता सकता हूं की इंश्योरेंस कंपनी जो आपको इलेक्ट्रिक कर पे इंश्योरेंस देती है वो.
आपको बैटरी पैक पे देती है, इंश्योरेंस रिप्लेसमेंट हो, एक्सीडेंटल केसे हैं, लेकिन हर.
कंडीशंस रहता है जो मैं एक्जेक्टली आपको नहीं एक्सप्लेन कर पाऊंगा. बिकॉज इट समथिंग जो आपको खुद को पढ़कर लेना पड़ेगा. व्हेन योर बाइंग इंश्योरेंस फॉर एन इलेक्ट्रिक.
आखिरी डाउट या क्वेश्चन जनरली रहता है की अगर मेरी गार्डनी की वारंटी खत्म हो गई आठ साल बाद तब मैं क्या करूं.
सी आईल बी वेरी ऑनेस्ट एंड फ्रैंक कोई भी गाड़ी आप यहां देख लो इंडिया में मेjrl जो भी इलेक्ट्रिक का आ जाती है आपको आठ साल की वारंटी देती है एक लाख साठ हज़ार किलोमीटर का उसपे वारंटी रहता है आपको कोई भी पेट्रोल या डीजल गाड़ी आठ साल की वारंटी देती है. तीन साल मिलता है जनरली अब कोई कोई गाड़ियां पाँच साल देने ग गई है आपको राइट बट वो आपको आठ साल की तो नहीं देते. तो आपने तो कभी नहीं पूछा की यार तीन साल बाद मेरी पेट्रोल गाड़ी को क्या होगा? वो इसलिए क्योंकि पेट्रोल डीजल गाड़ियों की हिस्ट्री है चुकी है और हमें उसके बारे में पता है. अब इलेक्ट्रिक का के इंडिया में हिस्ट्री नहीं है तो आप कैसे बोलोगे कि यार नहीं चलेगी.
प्रॉब्लम हो जाएगा क्वेश्चन इस राइट बट जो डाउट है उसे मैं आपके लिए यहां क्लेरिफाई करता हूं. अब अगर हम एसी बैटरीज के बारे में बात करते हैं अगेन आई एम कमिंग तू एएमसी स्पेसिफिक. क्योंकि बहुत लोगों को लगता है की याक बैटरी जो है ना कम चार साइकिल्स तो वो.
सूटेबल नहीं है अच्छा नहीं डेट मी ब्रेक आेड डाउन योर फ यू टेस्ला के ऊपर सर्वे किया क्योंकि टेला की बहुत सारी गाड़ियां बिक है. लोगों ने बहुत किलोमीटर चला लिए टेस्ला पे तो उन्होंने ये चीज फाइंड आउट की है की टेस्ला गाड़ियों पे जो दौ लाख माइल्स कर चुकी है यानी की तीन दशमलव दौ लाख कि जो गाड़ीियां उनकी चल चुकी है ओके वो गाड़ियों का बैटरी जो है बारह प्रतिशत डीग्रेड हुआ है. तो अगर मैं ये ए्जाम्पल ले लूँ ऑफ एक्सयूवी चार अगरड़ी तीन सौ किलोमीटर का रेंज है. आज के तारीख में रियल लाइफ में अगर आप इसको तीन बीस हज़ार किलोमीटर चला दोगे उसके बाद इसका रेंज लगभग बारह प्रतिशत कि का ये रियल लाइफ में आपको रेंज.
आप करलेक्टिक एक से डे पर किलोमीटर कॉस्ट देती है आपको अगर आप उसे घर पर चार्ज करते.
अगर आप एक पेट्रोल या डीजल गाड़ी देखते वो आपको स्पेसिफिकली पेट्रोल तो दस से बारहु पर किलमीटर आपको कॉस्ट पड़ता है यानी की मो कि किलोमीटर सेव कर सकते हो. ठीक है अब यह बहुत इंोर्ट हो.
अगर आप एक इलेक्ट्रिक कार को तीन लाख किलोमीटर चलाते हो, आप सुनो मेरी बात को यानी कि तीन.
लाख दस करोगे तो तीस लाख आपके ऑलरेडी बच जाएंगे सिर्फ फ्यूल में आपने सुना तीस लाख आपके बच रहेन कर ज कॉस्ट तीस लाख.
आपकी बच्चत जो है यहां पे काफी ज्यादा होने वाली है कंपेयर तू अ पेट्रोल कर और डीजल कर एंड बैटरी लाइफ के बारे में मैंने ऑलरेडी एक्सप्लेन कर दिया. आपको की बैटरी लाइफ कैसे होती है इलेक्ट्रिक कर की तो मैं उम्मीद करता हूं. मैंने आपके जो डाउट प्र कार बैटरी वो आज मैं पूरी तरह साफ कर पाया हूँ और साथ ही में मैंने आपके लिए और भी बहुत सारे वीडियो पहले भी बना है. आप जाके मेरा वो वीडियो भी देख लो जिसमें मैंने बोला हैड दौ हज़ार तेईसका टाइटल है आपको पूरे एलिस ऑफ आदर थिंग्स मिल जाएंगे वहीं के वहीं सो जो आपके डाउट से रीसेल वगैरा वो मैंने यहां पे क्लेरिफाई कर दिया की बैटरी लाइफ में कुछ हो नहीं रहा है तो रीसेल की आपको चिंता क्यों हनी चाहिए.
आप समझ रहे हो फैक्ट फैक्ट्स एंड फिगर्स. सो ये था मेरा आज का वीडियो गैस उम्मीद करता. मैंने आपके सारे डाउट्स आज क्लेरिफाई कर पाया हूं. स्पेसिफिकली ऑन इलेक्ट्रिक कर बैटरी अगर आपको लग रहा है नहीं मेरे पास और भी डाउट है. यू.
पुटेड ए कमेंट्स हम कोशिश करेंगे आपके सवालों के जवाब देने की या वीडियो बनाने की. ऐवेंचुअली आज सी गो ह अब एक चीज़ और कहना चाहता हूँ मुझे बाजार में बहुत विकल्प. आपके पास पेट्रोल है, इलेक्ट्र, डीजल है, हाइब्रिड है, एंड कन्फ्यूजन तो होगा मतलब बॉडी सेल तो डिसाइड कर लिया. आप बोलते हैं यार फ्यूल कौन से यू. तो डेट केस आप मुझसे या मीटम ऑफ एक्सपर्ट से एक फोन कॉल पे जुड़ के आपके सारे डाउट्स को क्लेरिफाई कर सकते हो. अब आप पूछोगे कैसे करना है? आपको सिर्फ जाना हैmotोक्टिंगमकार आईफ कसी वहां.
प जाके अपने कुछ डिटेल फिल करना कॉल ट बुक करना है विद ए एक्सपर्ट बहुत आसान है और उसे आसान पता है क्या है सब्सक्राइब बटन देखना है इसको जाके प्रेस कर लीजिए क्योंकि हम आपके लिए इतना कंटेंट लेते रोजाना जिस आप इस कर को पुरी तरह क्लेरिटी मिल सके की आखिर में आपके लिए कौन सी गाड़ी सही है और किसज से सो ये मिलेंगे कल फिर से एक नए वीडियो के साथ टेक केयर सीडमारो बाय थे.